
सुनाे रे गाेरी …..
हमारे थरूहटके पहिचान
माघी पर्व आगयल
नश्लवादी शासक
माघीका छुट्टी खागयल
थरूका बेटा रेशम चाैधरी
सडगया काठमाडाै कि जेलमे
अखण्ड सुदुरका पहाडे नेता
छुट गया सिंहदरबारके खेलमे
सुनाेरे चाचु….
हमारे थरूहटके पहिचान
माघी पर्व आगयल
नश्लवादी शासक
माघीका छुट्टी खागयल
पन्चायकालसे लेकर गणतन्त्र तक
विभेद हाेरहा है थारू जाती पर
गलत पार्टीका भाेट दिने से
थरूका अधिकार छिन गया बारम्बार
सुनाेरे कनैया …….
हमारे थरूहटके पहिचान
माघी पर्व आगयल
नश्लवादी शासक
माघीका छुट्टी खागयल
थारूपे अत्याचार बढ़ता जा रहा है
गछेदार काका कहाँ खाे गए ?
थरूके बेटी शान्त चाैधरी थारूका नहीं रहा
केपी ओलीका आज्ञकारी हाे गय !
सुनाे रे आम्मा…….
हमारे थरूहटके पहिचान
माघी पर्व आगयल
नश्लवादी शासक
माघीका छुट्टी खागयल
नेपाल आदिवासी जनजाति महासंघको पुर्व महासचिव अङ्ग काजी शेर्पाले लेखेको कविता हो।